टोबियो कागेयामा के किरदार में हाइकु!! के दौरान एक बड़ा बदलाव आया है करासुनो में शामिल होने के बाद से , कागेयामा ने टीम वर्क और वॉलीबॉल के खेल के बारे में बहुमूल्य सबक सीखे हैं। हालाँकि शुरुआत में वह एक स्वार्थी और घमंडी खिलाड़ी थे, लेकिन हिनाता और उनकी टीम के बाकी सदस्यों के सहयोग से वह जापान के सर्वश्रेष्ठ वॉलीबॉल सेटर्स में से एक बन गए हैं।
हाइकु!! - पूरी श्रृंखला में कागेयामा का विकास
हाई स्कूल से ही एक असाधारण सेटर होने के कारण, कागेयामा को शुरुआत में "किंग ऑफ़ द कोर्ट" उपनाम दिया गया था। हालाँकि, उनके नियंत्रणकारी और पूर्णतावादी स्वभाव ने उन्हें अपने साथियों के लिए ख़तरनाक बना दिया था। चाहे वे कितनी भी कोशिश कर लें, कागेयामा उनकी आलोचना ही करते थे। उनकी टीम ने तो एक मैच के दौरान उन्हें खेलने से ही मना कर दिया था। इस अनुभव ने उन्हें एहसास दिलाया कि वे कितने घमंडी हैं और कोई भी उनके साथ खेलना क्यों नहीं चाहता।
दूसरी ओर, उसका विकास तब शुरू हुआ जब उसने शौयू हिनाता । ऐसी गेंदें मारने का डर, जिन्हें कोई पकड़ नहीं पाएगा, उसे सताता रहता था, इसलिए उसने अंततः "कोर्ट के राजा" का अहंकार पीछे छोड़ दिया।
करासुनो में उनका विकास
करासुनो वॉलीबॉल टीम में शामिल होने के बाद, कागेयामा अपने साथियों पर भरोसा करने लगे और टीम भावना को अपनाने लगे। इससे उन्हें हर खिलाड़ी की खूबियों के अनुसार अपने खेल को ढालने में मदद मिली। इसके अलावा, हिनाता अपने कौशल का इस्तेमाल करके इस प्रतिभाशाली सेटर की मदद से तेज़ और अविश्वसनीय खेल बनाने में सक्षम हो गए। नतीजतन, करासुनो को एक बेहद मज़बूत और होनहार नवोदित जोड़ी मिली।
हिनाता और कागेयामा के जुड़ाव ने करासुनो को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया, जिसमें चैंपियन शिराटोरिज़ावा । इसलिए, कागेयामा के कौशल राष्ट्रीय चैंपियनशिप में उनकी टीम की प्रगति के लिए आवश्यक थे। हालाँकि, उनका विकास केवल इसलिए हुआ क्योंकि उन्हें आखिरकार एक ऐसी टीम मिली जो उनकी क्षमताओं का सर्वोत्तम उपयोग करना जानती थी। इस किरदार का विकास खेल जगत में टीम वर्क की ताकत का एक सच्चा प्रमाण है।
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